भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का जीएसएलवी (GSLV-F10) रॉकेट भू–अवलोकन उपग्रह ईओएस–03 (EOS-03) को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा। रॉकेट के ‘कम तापमान बनाकर रखने संबंधी क्रायोजेनिक चरण’ में खराबी आने के कारण यह मिशन पूरी तरह संपन्न नहीं हो पाया।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, पहले और दूसरे चरण में रॉकेट का प्रदर्शन सामान्य रहा था। इसरो के बयान के अनुसार 51.70 मीटर लंबे रॉकेट GSLV-F10/EOS-03 ने 26 घंटे की उलटी गिनती के समाप्त होने के तुरंत बाद सुबह 5.43 बजे श्रीहरिकोटा के दूसरे लांच पैड से सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी। पहले और दूसरे चरण में रॉकेट का प्रदर्शन सामान्य रहा था। ‘क्रायोजेनिक अपर स्टेज’ तकनीकी खराबी के कारण पूर्ण नहीं हो पाई। जैसी उम्मीद थी उस तरह मिशन संपन्न नहीं हो पाया।
इसरो (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवन के अनुसार‚ ये मिशन मुख्य रूप से क्रायोजेनिक चरण में एक तकनीकी विसंगति के कारण पूरी तरह से संपन्न नहीं किया जा सका।
GSLV-F10 launch took place today at 0543 Hrs IST as scheduled. Performance of first and second stages was normal. However, Cryogenic Upper Stage ignition did not happen due to technical anomaly. The mission couldn’t be accomplished as intended.
— ISRO (@isro) August 12, 2021
गौरतलब है कि यह प्रक्षेपण इस साल अप्रैल या मई में होना था लेकिन कोविड–19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के चलते इसे टाल दिया गया था। फरवरी में ब्राजील के भू–अवलोकन उपग्रह एमेजोनिया–1 और 18 अन्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद 2021 में इसरो का यह दूसरा मिशन था।
मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों ने इससे पहले बताया था कि उड़ान भरने से पहले‚ ‘लांच ऑथराइजेशन बोर्ड’ ने योजना के अनुसार सामान्य उड़ान भरने के लिए मंजूरी दी थी।
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